Friday, April 20, 2012

महान

आज
बाज़ार से खरीदनी है
एक अदद दराती
कुछ खंजर
छूरियाँ... ब्लेड नश्तर ,

सभी तेज
मगर छुपाये जा सकनेवाले

कुछ
लुभावने से इतर /परफ्यूम की शीशियाँ
दो चार मीठे जुमले
बाजारू लटके-झटके,

और
कल विशिष्टता का मुखौटा लगा कर

"मैं महान बनने वाला हूँ"

*amit anand

1 comment:

  1. क्या बात कही है………बहुत खूब

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