मौत!!
तू सम्पूर्ण
शक्तिमान!
तो
निरीह मैं भी नहीं,
कायर...
चुपके से वार करती है??
छीन ले गयी
एक एक कर
जाने कितने प्रिय!
खांसता बाप
आंसू बहाती माँ...
जवान बिटिया को आग मे झुलसाते
शर्म नहीं आई तुझे??
चोट्टी
ढाई बरस की बिटिया पे वार करके
कौन सा मेडल हाशिल किया?
अब
आ...
मैं भी तैयार हूँ
देख लूँगा
बेशक तू ही जीतेगी
लेकिन
तेरी क्रूरता के लिए
मैं लडूंगा तुझसे!!
*amit anand