पथराये सपने
Friday, June 4, 2010
धूप
कल दोपहर की धूप
तेज थी
"सचमुच की तेज"
मौसम विभाग के आंकड़ों से भी तेज
मेरे कमरे को ठंढा करते एयर कंडीसन के विपरीत
आग बरस रही थी
कल शायद,
क्यूंकि
कल शाम
मेरी मुंडेर की गौरैय्या और उसके दोनों नन्हे
मरे पाए गए
मेरे एयर कंडीसन के नीचे!
*amit anand
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