Friday, June 4, 2010

पहली बारिश


महीनो के अंधड़
और
तपती धूप के बाद
सूखते ताल तलैय्यों के ऊपर
उमड़ ही आये
काले कजरारे बादल,
हवाएं नम हो गयीं आज सुबह..
मौसम के थपेड़ों से
कुम्हलाये हरे पत्तों ने खुद को झाड लिया!
मुझे
चिंता है
दूर जंगल मे
चिड़िया ने जने हैं दो नन्हे नन्हे बच्चे,
मेरे इश्वर
बच्चों को पहली बारिश सहने की
ताकत देना!!


*amit anand

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