मन के
कच्चे प्लास्टर पर
साल दर साल
जबरिया चढ़ जाता है नया रंग
नीला/पीला/ टेराकोटा /वेदारप्रूफ़
कभी कभी तो ऐन पिछला वाला ही,
हाँ लेकिन
भीतर की असल ईंटें
हमेशा
"सुर्ख लाल" रहती हैं!
*amit anand
कच्चे प्लास्टर पर
साल दर साल
जबरिया चढ़ जाता है नया रंग
नीला/पीला/ टेराकोटा /वेदारप्रूफ़
कभी कभी तो ऐन पिछला वाला ही,
हाँ लेकिन
भीतर की असल ईंटें
हमेशा
"सुर्ख लाल" रहती हैं!
*amit anand
हाँ लेकिन
ReplyDeleteभीतर की असल ईंटें
हमेशा
"सुर्ख लाल" रहती हैं!्…………सच तो कहा है ………पसन्द आई।