महिला दिवस
पीठ पर बड़ी वाली
पन्नी टांग
मुंह अँधेरे
निकल पडी है
आठ साल की
गुनिया,
शहर के कचरे मे
पेट की
भूंख तलाशने,
मोहल्ला - मोहल्ला
कूड़ेदान दर कूड़ेदान
खुले नालों
होटल के जूठन
अस्पताल के कचरे मे
गुनिया तलाशती है
अपने भीतर
भविष्य की औरत
सुना है
आज
महिला दिवस है!!
*amit anand
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