मैं दंगाई नहीं
मैं आज तक
नहीं गया
किसी मस्जिद तक
किसी मंदिर के अन्दर क्या है
मैंने नहीं देखा,
सुनो
रुको
मुझे गोली न मारो
भाई
तुम्हे तुम्हारे मजहब का वास्ता
मत तराशो अपने चाक़ू
मेरे सीने पर,
जाने दो मुझे
मुझे
तरकारियाँ ले जानी हैं
माँ
रोटिया बेल रही होंगी!
*amit anand
मैं आज तक
नहीं गया
किसी मस्जिद तक
किसी मंदिर के अन्दर क्या है
मैंने नहीं देखा,
सुनो
रुको
मुझे गोली न मारो
भाई
तुम्हे तुम्हारे मजहब का वास्ता
मत तराशो अपने चाक़ू
मेरे सीने पर,
जाने दो मुझे
मुझे
तरकारियाँ ले जानी हैं
माँ
रोटिया बेल रही होंगी!
*amit anand
बेजोड़ भावाभियक्ति....
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