राम!
तुम सर्व पूजित!
मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे..
आओ
हमारे सामने तो आओ
यहाँ
दो दो
आईने हैं
तुम्हारा सत्य तुम्हारे आगे होगा!
तुमने
कौन सा कर्त्तव्य वहन किया
हमारे लिए
क्या
तुम्हारी अयोध्या मे
सिर्फ
जंगल ही शेष थे
हमारे प्रसव को,
हमारा शैशव
अभावग्रस्त क्यूँ राम
हमारी माँ
तुम्हारी अर्धांगिनी
आखिर उसको ही क्या
दे पाए तुम?
तुम भले ही प्रकाशपुंज हो
लेकिन
राम
याद रखो
हम
तुम्हारी ही
तली के अँधेरे हैं
तुम्हारे बेहद अपने!
*amit anand
बहुत बढ़िया prashan किया है...राम को सोचने पर मजबूर कर दिया तुम्हारी कलम की ताकत ने...लिखते रहना...मेरा आशीष है तुम्हरे साथ...
ReplyDeleteइन प्रश्नों के उत्तर तो हमें भी चाहिए .... बहुत खूब
ReplyDeleteतुमने
ReplyDeleteकौन सा कर्त्तव्य वहन किया
हमारे लिए
क्या
तुम्हारी अयोध्या मे
सिर्फ
जंगल ही शेष थे
हमारे प्रसव को,
realy very nice ..........